विवेक शर्मा, नई दिल्ली,
भारत: भारत-कोरिया राजनयिक सम्बन्धों की स्वर्ण जयंती (50
वर्ष) के अवसर पर
कोरिया गणराज्य के दूतावास के वाणिज्यिक खंड,
कोरिया व्यापार एवं
निवेश संवर्धन एजेंसी (KOTRA)
ने " कोरिया-भारत फ़्यूचर इंडस्ट्री पार्टनरशिप इवेंट 2023
”
का आयोजन किया।
इस दो दिवसीय प्रभावशाली कार्यक्रम में 26 अप्रैल को एक उच्च-स्तरीय
सरकारी एवं उद्योग मंच और 27, अप्रैल को प्रत्यक्ष नेटवर्किंग सत्र शामिल थे।
सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते भारत अगली पीढ़ी के
वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में तेज़ी से उभर रहा है। भारत सरकार ने इसे बढ़ावा
देने और विनिर्माण क्षेत्र तथा भारत में एवं विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए
कई क़दम उठाये हैं। कोरिया आज ईवी, आईसीटी और कार्बन न्यूट्रल (ग्रीन इंडस्ट्रीज़) जैसे सबसे अधिक
मांग वाले क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है और कई कोरियाई कंपनियां पहले
से ही भारत के विनिर्माण उद्योग में प्रमुख प्लेयर के रूप में उभर रही हैं।
कोरिया और भारत के बीच मज़बूत आर्थिक साझेदारी है, जो तेज़ी से बढ़ रही
है। कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय (MOTIE) से प्राप्त आंकड़ों
के अनुसार, 2022 में भारत के साथ कोरिया के व्यापार का आकार 27.8 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड
उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष (2021) के कुल 23.7 बिलियन डॉलर से 17.3% अधिक था। यह वार्षिक
आधार पर दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी व्यापार मात्रा थी, क्योंकि निर्यात और
आयात दोनों में काफी वृद्धि हुई थी। भारत में कोरिया का निर्यात 21.0% बढ़कर 18.9 बिलियन डॉलर का हो
गया, जबकि आयात 10.5% बढ़कर 8.9 बिलियन डॉलर का हो गया। एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ़ कोरिया के अनुसार, 2022 में (जनवरी-सितंबर
तक) भारत में कोरिया का निवेश साल-दर-साल 54% बढ़कर 348 मिलियन डॉलर हो गया,
जो कि महामारी के बाद
धीरे-धीरे सुधार दिखा रहा है। बिजली, ऑटोमोबाइल और रसायन जैसे विनिर्माण उद्योगों
के पिछले बड़े निवेश के अलावा, निवेश की इस नयी प्रवृत्ति का विस्तार भोजन, कपड़ा और डायग्नोस्टिक
किट जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है।
26 अप्रैल, 2023 को " कोरिया-इंडिया फ़्यूचर इंडस्ट्री
पार्टनरशिप फ़ोरम 2023" प्रौद्योगिकी, नवाचार और विनिर्माण में दोनों देशों के बीच
सहयोग को बढ़ावा देने और सम्बन्धों को मज़बूत करने का एक मंच था। इस आयोजन का उद्देश्य
भविष्य के उद्योग क्षेत्र (ईवी, आईसीटी और कार्बन न्यूट्रल (ग्रीन) इंडस्ट्रीज़) में सहयोग के
नये रास्ते तलाश कर संयुक्त उद्यमों, रणनीतिक साझेदारी और निवेश के अवसर पैदा करना
है।इस कार्यक्रम में लगभग 150 कोरियाई और भारतीय प्रतिभागियों की भागीदारी, उच्च स्तरीय मुख्य
वक्ता, प्रतिष्ठित सरकार और उद्योग द्वारा सरकारी नीतियों की प्रस्तुति शामिल थी। भारत
और कोरिया के विशेषज्ञ इस उद्योग में नवीनतम रुझानों और विकास में मूल्यवान अंतर्दृष्टि
प्रदान करेंगे।
भारत में कोरियाई राजदूत महामहिम चांग जे-बोक और आर्थिक सहयोग और व्यापार मामलों,
KOTRA के कार्यकारी उपाध्यक्ष, श्री ताएहो किम ने इस फ़ोरम की शोभा बढ़ायी। आर्थिक सहयोग और
व्यापार मामलों, KOTRA के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री ताएहो किम की टिप्पणी भारत और कोरिया
के बीच दीर्घकालिक और उपयोगी राजनयिक और व्यापार सम्बन्धों के लिए एक वसीयतनामा थी।
''जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जायें, हमें स्वच्छ ऊर्जा
को प्राथमिकता देनी चाहिए और एसडीजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो समय की आवश्यकता
है। मुझे विश्वास है कि दोनों देश इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना
जारी रखेंगे और हमारे सहयोग को नयी ऊंचाइयों पर ले जायेंगे। हम साथ मिलकर अपने देशों
और दुनिया के लिए अधिक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य बना सकते हैं।” भारत में कोरियाई राजदूत
महामहिम चांग जे-बोक ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, '' बहुत-बहुत आभार कि
मैं KOTRA के सभी प्रतिभागियों को एक साथ यहां आने के लिए धन्यवाद देता हूं।
हमारे राजनयिक सम्बन्धों का 50 वर्ष का मील का पत्थर है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं,
भारत और कोरिया को
हरित ऊर्जा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और एक-दूसरे की ताक़त से सीखना
चाहिए। हरित ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा और ईवी भविष्य हैं, और 2005 से ईवी के उत्पादन
में कोरिया का नेतृत्व भारत के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण है। सहयोग के माध्यम से हम हरित
ऊर्जा को अपनाने के महत्व पर ज़ोर दे सकते हैं और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने
की दिशा में काम कर सकते हैं, जिसके लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं। इन संयुक्त प्रयासों से
भारत और कोरिया हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं और एक साथ महानता हासिल कर
सकते हैं।''
भारत के जी20 शेरपा, श्री अमिताभ कांत ने अपनी वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से महत्वपूर्ण
स्वागत भाषण दिया, “भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त
कर रही है, और हम 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार हैं। जबसे
भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली है, तब से हमारा उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने को
लेकर समस्त देशों को एक साथ लाना है, जिससे न सिर्फ़ भारत लाभान्वित होगा,बल्कि इससे दुनिया
को भी लाभ होगा। 'वन विश्व, एक कुटंब' में हमारा विश्वास हमें एसडीजी में योगदान देने और टिकाऊ चलन
को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है, जो कि आने वाली पीढ़ियों को एक हरित और स्वच्छ
जीवन जीने में सक्षम बनायेगा। अपने प्रयासों के माध्यम से हम एक ऐसी कहीं अधिक स्थायी
दुनिया बना सकते हैं, जो सामंजस्यपूर्ण हो।”
Emaiol id : reporter.cnpn@gmail.com
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